हाई वैल्युएशन वाले शेयर मार्केट में फार्मा स्टॉक्स अबभी काफी सस्ते बने हुए हैं। यूएस एफडीए की चिंताओं और घरेलू स्तर पर रेग्युलेटरी कंसर्न की वजह से पिछले एक साल से स्टॉक्स पर दबाव रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर फार्मा कंपनियों के स्टॉक्स परफॉर्मेंस के आधार पर नहीं, रेग्युलेटरी कंसर्न की वजह से गिरे हैं। गिरावट की वजह से स्टॉक्स आकर्षक वैल्युएशन पर हैं। आगे मार्केट में किसी भी गिरावट पर लंबी अवधि के नजरिए से इनमें निवेश किया जा सकता है। लंबी अवधि में स्टॉक मार्केटको बढ़ाने में फार्मा सेक्टर का अच्छा योगदान होगा।
पिछले हफ्ते सेंसेक्स से ज्यादा हेल्थ केयर इंडेक्स का रिटर्न
पिछले हफ्ते फार्मा स्टॉक्स ने सेंसेक्स के मुकाबले अच्छी ग्रोथ दर्ज की थी। पूरे हफ्ते जहां सेंसेक्स 1.27 फीसदी चढ़ा, वहीं बीएसई हेल्थ केयर इंडेक्स में 3.18 फीसदी की ग्रोथ रही।.
कम होगा यूएस एफडीए का कंसर्न
फॉर्च्युन फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि मौजूदा समय में फार्मा स्टॉक्स काफी अच्छी वैल्युएशन पर हैं। मार्केट में किसी तरह का करेक्शन आता है तो भी इनमें ज्यादा गिरावट का खतरा नहीं है। आगे यूएस एफडीए से जुड़ी चिंताएं धीरे-धीरे कम होंगी। यूएस एफडीए से कुछ अप्रूवल मिलने वाले हैं, अरबिंदो फार्मा और ग्लेनमार्क को नई जेनेरिक दवा के लिए अप्रूवल मिला है। मोरैया फैमिलिटी पर कैडिला को यूएस एफडीए का अप्रूवल मिला है।
डोमेस्टिक मार्केट पर बढ़ा है फोकस
जगदीश ठक्कर का कहना है कि फार्मा कंपनियां अब डोमेस्टिक मार्केट पर भी फोकस कर रही है, यूरोप में भी नए मार्केट की तलाश में हैं। सबसे अच्छी बात है कि कंपनियों का ओवरऑल एक्सपोर्ट भी कम नहीं हुआ है। कॉम्पिटीशन के बाद भी यूएस कुछ कंपनियों ने यूएस बिजनेस को फ्लैट रखा है। आने वाले दिनों में फार्मा सेक्टर में स्टॉक मार्केट को और आगे ले जाने का पोटेंशियल है। निवेशकों को एक से दो साल के नजरिए से निवेश की स्ट्रैटजी बनानी चाहिए।.
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