सरकारी बैंकों में कंसोलिडेशन का दौर शुरू हो रहा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद सरकार कुछ और बैंकों का मर्जर करने जा रही है।. आने वाले दिनों में देश में 5 या 6 बड़े सरकारी बैंक ही रह जाएंगे। वहीं, सरकारी बैंकों के 6 लाख करोड़ एनपीए की रिकवरी के लिए भी सरकार का एक्शन प्लान तैयार है। मनी भास्कर से बात-चीत में मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार द्वारा सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनका लंबी अवधि में पॉजिटिव असर होगा। लेकिन, अभी खासतौर से छोटे सरकारी बैंकों पर दबाव रहेगा। ऐसे में फ्रंटलाइन शेयरों में लंबी अवधि के नजरिए से ही निवेश करना. फायदेमंद होगा।.
बड़े पीएसयू बैंकों कास्टेबल है आउटलुक
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एनालिस्ट (बैंक) उदित करीवाला ने मनीभास्कर डॉट कॉम को बताया कि सरकार के प्रयासों से बड़े सरकारी बैंकों के लिए अच्छा समय आने वाला है।. बड़े बैंकों का बेस भी बड़ा है और उन्हें आगे मार्केट से पैसा जुटाने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। उनके पास कैपिटल की भी दिक्कत नहीं है, साथ ही उनके पास नॉन कोर एसेट्स भी मौजूद हैं। ऐसे में लंबी अवधि के नजरिए से बड़े पीएसयू बैंकों का आउटलुक स्टेबल है। हालांकि, छोटे बेंकों के साथ छोटे बैंकों की तुलना में ज्यादा अच्छा नजर आ रहा है।.
इन 4 स्टॉक्स में अच्छे रिटर्न
एसबीआई
कर्नाटका बैंक
बैंक ऑफ बड़ौदा
पीएनबी
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