मुनाफावूसली के चलते पिछले हफ्ते शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। ग्लोबल संकेतों की वजह से स्टॉक मार्केट दबाव में रहा, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने की घोषणा ने इसे कंट्रोल कर लिया। एक्सपर्ट्स के मुताबिक,इस हफ्ते घरेलू स्तर पर मैक्रो इकोनॉमिक डाटा (आईआईपी और सीपीआई) और ग्लोबल स्तर पर यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक जैसे ट्रिगर पर मार्केट की नजर होगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स यह भी मान रहे हैं कि किसी भी निगेटिव ट्रिगर से हाई वैल्युएशन वाले मार्केट में करेक्शन दिख सकता है। ऐसे में निवेशकों को छोटी अवधि के लिए वही स्टॉक चुनने चाहिए, जिसमें आउटलुक बेहतर बना हुआ है।.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, 1 जुलाई से जीएसटी के लागू होने की उम्मीद, इकोनॉमिक ग्रोथ की संभावना, मानसून की रफ्तार और करंट फाइनेंशियल ईयर में कंपनियों की अर्निंग में सुधार से मार्केट ने 9700 के लेवल को छुआ था। मार्केट में लिक्विडिटी है, लेकिन किसी बड़े ट्रिगर के अभाव में मार्केट 9700 के स्तर को तोड़ नहीं पा रहा है। नियर टर्म में मार्केट में कुछ करेक्शन की उम्मीद है, लेकिन ज्यादा गिरावट की संभावना कम है। पिछले हफ्ते एफआईआई के मुकाबले डीआईआई का इन्वेस्टमेंट मार्केट में ज्यादा रहा। पिछले हफ्ते एफआईआई ने जहां 601.38 करोड़ रुपए के स्टॉक्स खरीदें, जबकि डीआईआई ने 883.31 करोड़ रुपए की खरीददारी की।.
क्या हो निवेश की स्ट्रेटजी
मार्केट एक्सपर्ट अमित जेसवानी का कहना है कि इस हफ्ते मार्केट पर जीएसटी का प्रेशर बहुत रहेगा। मार्केट में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिलेगा क्योंकि जीएसटी रेट को लेकर ट्रेडर्स हड़ताल पर जाने वाले हैं। इस हफ्ते 9500 से 9700 के रेंज में मार्केट ट्रेड करेगा। सरकार ने इंसूलिन पर जीएसटी रेट में कटौती की है।
एक्सपर्ट सर्वदे के मुताबिक, वोलेटाइल मार्केट में निवेशकों को आईटी और फार्मा स्टॉक्स से दूर रहना चाहिए। एफएमसीजी स्टॉक्स डिफेंसिव स्टॉक है, इसलिए एचयूएल और आईटीसी में निवेश कर सकते हैं।.
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